बुधवार, अक्तूबर 23, 2024

गांधी दर्शन दिल्ली का परिभ्रमण

गांधी स्मृति एवं दर्शन का परिभ्रमण 
सत्येन्द्र कुमार पाठक 
भारत की राजधानी दिल्ली का राजघाट स्थित, गांधी स्मृति और दर्शन समिति का गठन सितंबर 1984 में राजघाट और गांधी स्मृति में गांधी दर्शन के विलय से किया गया था। साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी को समर्पित गांधी स्मृति तथा  गांधी दर्शन , संग्रहालयों , पुस्तकालय में  60,000 पुस्तकें रखी हुई ,  किताबों की दुकानें , गांधी की किताबें और गांधी की 6000 मूल तस्वीरें संरक्षित स्थलों का परिभ्रमण किया गया । गांधी जी की जीवनी के  अंतिम 144 दिनों की कई यादें संजोई गई हैं। महात्मा गांधी पर प्रदर्शनी, प्रार्थना स्थल भगवान का नाम लेते हुए शहीद हुए का आकर्षित केंद्र  हैं। राजघाट पर गांधी समाधि के समीप 36 एकड़ भूमि पर स्थित गांधी दर्शन परिसर में चार मंडपों में गांधी पर  प्रदर्शनी, फिल्म ऑडिटोरियम, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिविरों के लिए सम्मेलन सुविधाएं, और  पुस्तकालय है।
 संग्रहालय यात्रा - दिल्ली में गांधी स्मृति महात्मा गांधी के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक है। गांधी स्मृति में गांधी जी की 6000 से ज़्यादा मूल तस्वीरों का संग्रह है।  पांच तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति और  राजघाट स्थित गांधी दर्शन के मिलन से स्वतंत्र निकाय के रूप में किया गया था और यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य कर रही है।गांधी समिति का मूल उद्देश्य विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक-शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से महात्मा गांधी के जीवन, मिशन, शांति, सत्य और अहिंसा की विचारधारा और दर्शन को प्रचारित करना है। 1994 में गांधीजी की 125 वीं जयंती पर संग्रहालय को बदल कर अंतरराष्ट्रीय   गांधीवादी अध्ययन और शोध  अंतर्राष्ट्रीय केंद्र घोषित कर दिया गया। 2005 ई. में  शाश्वत गांधी मल्टीमीडिया संग्रहालय प्रारम्भ  किया गया था।दिल्ली कोनॉट प्लेस में अवस्थित गांधी स्मृति, दिल्ली जिसे पहले बिड़ला भवन या बिड़ला हाउस के नाम से जाना जाता था क्योंकि यह मूल रूप से भारतीय व्यवसायी बिड़ला परिवार का घर था। यह महात्मा गांधी के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक है जिसका क्षेत्रफल लगभग 36 एकड़ है । इस घर में गांधी जी के जीवन के अंतिम 144 दिनों की कई यादें संजोई गई हैं। इसमें गांधी जी से जुड़ी एक पूरी प्रदर्शनी है जिसमें एक फिल्म ऑडिटोरियम, चार मंडप, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिविरों के लिए सम्मेलन सेवाएँ, बच्चों के लिए एक स्थान और एक पुस्तकालय है जहाँ लगभग 60,000 पुस्तकें आरक्षित हैं। गांधी स्मृति में गांधी जी की लगभग 6000 मूल तस्वीरें संरक्षित हैं।वर्तमान में शहीद स्तंभ उस स्थान का प्रतीक है जहाँ गांधी जी की हत्या हुई थी। घर के बाहर एक स्तंभ है जिस पर स्वास्तिक चिह्न और संस्कृत में ध्यान ध्वनि का प्रतीक ओम अंकित है।गांधी स्मृति - विश्व शांति घंटा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा गांधी स्मृति को उपहार स्वरूप दिया गया।
 राजघाट,- दिल्ली का  रिंग रोड व महात्मा गांधी मार्ग के किनारे  यमुना नदी के तट राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित  शांत और सादगी स्मारक है। गांधी जी की हत्या के बाद उनका अंतिम संस्कार यमुना नदी के तट स्थित राजघाट पर   किया गया था। महात्मा गांधी को समर्पित इस स्मारक के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं? यहाँ दिल्ली में राजघाट के बारे में सब कुछ बताया गया है, जिसमें इसका इतिहास, समय, वास्तुकला और अन्य तथ्य शामिल हैं।वास्तुकार वानु जी. भूटा द्वारा निर्मित गांधी स्मारक 12 x 12 फीट का वर्गाकार मंच ऊंचाई 2 फीट काले संगमरमर युक्त राजघाट है। मोहनदास करमचंद गांधी  की 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गई थी । 01 फरवरी 1948 को  उनके शव का अंतिम संस्कार यमुना नदी तट  पर किया गया था। राजघाट गांधीजी को अग्नि में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था और उनका अंतिम संस्कार किया गया था। गांधीजी के दर्शन और सादगीपूर्ण जीवन जीने के अभ्यास को ध्यान में रखते हुए साधारण स्मारक बनाया  था । यमुना। नदी के पश्चमी तट दिल्ली के शाहजहानाबाद  चारदीवारी वाले शहर में राजघाट मौजूद था। यह यमुना नदी के पश्चिमी तट पर राजघाट नामक स्थान पर खुलता था। बाद में, जिस क्षेत्र में गांधीजी का स्मारक बनाया गया था, उसे राजघाट के नाम से जाना जाने लगा। राजघाट पर गांधीजी का स्मारक काले संगमरमर से बना  चौकोर मंच है। सादे ढांचे पर 'हे राम' शब्द खुदे हुए हैं । क्योंकि ये मारे गए नेता द्वारा बोले गए अंतिम शब्द थे। संगमरमर के मंच के ऊपर, कांच के फ्रेम में बंद एक अखंड ज्योति दिन-रात लगातार जलती रहती है। स्मारक को गांधीजी की सादा जीवन और उच्च विचार की नीति को ध्यान में रखते हुए वानु जी भूटा द्वारा डिजाइन किया गया था। पत्थरों से बना पगडंडी आपको स्मारक तक ले जाएगा, जो एक दीवार के घेरे के भीतर स्थित है। पत्थर के रास्ते के दोनों तरफ हरे-भरे लॉन हैं। स्मारक का भूनिर्माण एलिक पर्सी-लैंकेस्टर द्वारा किया गया था, जो भारत सरकार के तहत बागवानी संचालन के अधीक्षक के पद पर आसीन होने वाले अंतिम ब्रिटिश नागरिक थे।स्मारक के चारों ओर एक सुंदर बगीचा भी है। इस बगीचे में कई पेड़ लगे हैं जिन्हें दुनिया भर के जाने-माने गणमान्य लोगों ने लगाया है, जिनमें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, वियतनामी नेता हो ची मिन्ह, अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर अन्य शामिल है।, राजघाट अपने ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व के कारण दिल्ली में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन जगहों में  है । स्मारक को प्रत्येक  दिन ताजे फूलों से सजाया जाता है । भारतीय और विदेशी पर्यटक गांधी स्मारक पर जाकर महात्मा गांधी की दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हैं। स्मारक के अलावा, राजघाट पर गांधी जी  की स्मृति को समर्पित संग्रहालय है। प्रत्येक शुक्रवार को राष्ट्रपिता की याद में राजघाट पर प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है।
राजघाट संग्रहालय - राजघाट स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय या गांधी स्मारक संग्रहालय, महात्मा गांधी के जीवन और विचारधारा को चित्रों, मूर्तियों, पुस्तकों, फिल्मों और गांधीजी के जीवन से संबंधित अन्य यादगार वस्तुओं के संग्रह के माध्यम से मनाता है। संग्रहालय में गांधीजी के जीवन और कार्यों से संबंधित 35,000 से अधिक दस्तावेजों और पुस्तकों का समृद्ध संग्रह है ।  इसमें चरखे या कताई के पहियों के 23 मॉडल के साथ-साथ गांधी जी की व्यक्तिगत वस्तुएँ,  उनकी धोती, शॉल, चलने की छड़ियाँ, कुछ दाँत और उनकी हत्या के लिए इस्तेमाल की गई गोलियों में दर्शित है। संग्रहालय में एक दृश्य-श्रव्य अनुभाग  75 सीटों वाले सभागार में गांधीजी के जीवन और कार्यों पर फिल्में दिखाई जाती हैं। गांधी जी की नौका , बेंच , ट्रेन की बोगी , मूर्तियां  , विचार मिलते हैं।
यमुना नदी के किनारे विजय घाट (लाल बहादुर शास्त्री) , शांतिवन (पंडित जवाहर लाल नेहरू) , शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी) , वीर भूमि (राजीव गांधी) , कर्म भूमि (शंकर दयाल शर्मा) , राष्ट्रीय स्मृति स्थल (अटल बिहारी वाजपेई ,  देवी लाल, चौधरी चरण सिंह, जगजीवन राम, ज्ञानी जैल सिंह, चंद्रशेखर और आई.के. गुजराल की स्मारक स्थित हैं। दिल्ली में लाल किला (2.1 किमी) , जामा मस्जिद (2.5 किमी) , राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (3.7 किमी) , अग्रसेन की बावली (3.7 किमी) , कनॉट प्लेस (4.2 किमी) , जंतर मंतर (4.4 किमी) , पुराना किला (5.1 किमी) , इंडिया गेट (5.3 किमी) , राष्ट्रपति भवन (6.8 किमी) , कुतुबमीनार , लौह स्तम्भ , इन्द्रप्रस्त है । महात्मा गांधी ने अपना सम्पूर्ण जीवन  सुनिश्चित करने में लगा दिया कि हम  स्वतंत्र देश में रहें। जब आप दिल्ली में हों, महान नेता को श्रद्धांजलि देना न भूलें। उनके स्मारक पर  समय बिताएँ और गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन परिसर में अवस्थित संग्रहालय , गांधी जी की अनमोल वचन , मूर्तियाँ , जीवन से जुड़ी मुख्य तथ्य और जगह के शांत वातावरण का आनंद लेकर सत्य , अहिंसा , जीवन जीने की कला , सहिष्णुयता और स्वतंत्रता का वास्तविक रूप  प्राप्त करें ।
गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन समिति के निदेशक महात्मा गांधी लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित डॉ . ज्वाला प्रसाद के नेतृत्व में चलाए जा रहे समिति का परिसर स्वच्छता और सफाई अभियान प्रेरणादायक है।  गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन समिति के निदेशक एवं गांधी दर्शन अंतिम जन का प्रधान संपादक  डॉ. ज्वाला प्रसाद द्वारा   संपादित  समिति की मासिक पत्रिका गांधी दर्शन अंतिम जन में प्रकाशित आलेख में गांधी जी के जीवन जीने की कला बखूबी से पिरोया गया है । समिति के संरक्षक विजय गोयल का स्वच्छता एवं मोहन दास करमचंद गांधी की विरासत  मोक्षदाता राम आदि आलेख अनुकरणीय है ।

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