मंगलवार, सितंबर 17, 2024

लखनऊ में साहित्यकार सम्मेलन

 स्वंर्णिम दर्पण पत्रिका एवं आर्या पब्लिकेशन का द्वितीय वार्षिक अधिवेशन द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मदिवस पर 17 सितम्बर को : मुजफ्फरपुर (बिहार) के स्वर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा लेखिका उषा किरण श्रीवास्तव और प्रतिष्ठित साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक को लखनऊ स्थित  राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन हिंदी भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में ‘भारत भाग्य विधाता सम्मान 2024’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान स्वर्णिम दर्पण पत्रिका एवं आर्या पब्लिकेशन के द्वितीय वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर आयोजित विराट कवि सम्मेलन, पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह का मुख्य आकर्षण रहा। मुजफ्फरपुर का नाम रोशन करने वाली उषा किरण श्रीवास्तव और साहित्य जगत की शान सत्येन्द्र कुमार पाठक को यह सम्मान मिलना बिहार के लिए गौरव का क्षण है। दोनों ही हस्तियों ने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है और साहित्य एवं कला के क्षेत्र में बिहार का नाम देश-दुनिया में रोशन किया है। विराट कवि सम्मेलन सम्मान समारोह के साथ-साथ एक भव्य कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें देश के जाने-माने कवियों में कवयित्री डॉ. उषाकिरण श्रीवास्तव ,  विमला व्यास आदि ने कविता के माध्यम से अपनी रचनाओं से समा बंधा  तथा मुख्य अतिथि में  , डॉ. अशोक वाजपेयी , श्रीमती अमित दुबे , रंजना लता , बालमुकुंद द्विवेदी , श्री पद्मकान्त शर्मा , सौरभ पांडेय मुम्बई हिंदी विद्यापीठ के प्रचार मंत्री , विनोद दुबे  आदि  ने आर्य पब्लिकेशन एवं पुस्तक विमोचन पर विचार व्यक्त किए ।  इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकों में लेखिका नीता सिंह एवं संपादक सौरभ पांडेय की काव्य संग्रह सौभाग्य , आर्या पब्लिकेशन की  स्वंर्णिम दर्पण , उषा श्रीवास्तव की बज्जिका के सोलह संस्कार गीत का विमोचन भी किया गया । ‘भारत भाग्य विधाता सम्मान’ एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो साहित्य, कला और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह सम्मान प्राप्त करना किसी भी व्यक्ति के लिए गौरव की बात होती है। बिहार के मुजफ्फरपुर एवं जहानाबाद की  हस्तियों को मिला यह सम्मान बिहार के लिए गौरव का क्षण है। उषा किरण श्रीवास्तव और साहित्यकार  सत्येन्द्र कुमार पाठक ने अपने क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह प्रेरणादायी है। यह सम्मान उन्हें मिलना युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। इस अवसर पर उतर प्रदेश हिंदी संस्थान  के साहित्य भारती की संपादिका अमिता दुबे द्वारा साहित्य भारती एवं मई जून 2024 के अंक बाल भारती देकर उषाकिरण श्रीवास्तव एवं सात्येन्द्र कुमार पाठक को सम्मानित की । संस्कार भारती का कला कुंज के संपादक पद्मकान्त शर्मा शामिल थे । पुरुषोत्तमदास टंडन हिंदी भवन लखनऊ अवस्थित उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान के निदेशक एवं साहित्य भारती व बाल वाणी द्वैमासिक पत्रिका की संपादिका आ।अमिता दुबे द्वारा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का निदेशक कक्ष में बिहार के साहित्यकार व इतिहासकार सात्येन्द्र कुमार पाठक को साहित्य भारती एवं बाल वाणी  दे कर सम्मानित किया । इस अवसर पर स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा लेखिका उषाकिरण श्रीवास्तव ने अपनी पुस्तक वज्जिका के सोलह संस्कार गीत तथा टुकड़ों में बटी धूप का लोकार्पण उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान की निदेशिका डॉ. अमिता दुबे द्वारा किया गया । इस अवसर पर संस्कार भारती  की कला कुंज के संपादक पद्मकान्त शर्मा आदि ने लोकार्पण समारोह में विचार व्यक्त किए । राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हिंदी भवन में अवस्थित निराला भवन , आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुस्तकालय  में लगभग 50 हजार पुस्तकों एवं पुस्तकों का रख रखाव  का परिभ्रमण किया । लखनऊ में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ  के निदेशक कक्ष में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिहार के प्रतिष्ठित साहित्यकार व इतिहासकार सात्येंद्र कुमार पाठक को साहित्य भारती एवं बाल वाणी पत्रिका देकर  संस्थान की निदेशक डॉ. अमिता दुबे ने सम्मान प्रदान किया। समारोह में एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम स्वर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा एवं लेखिका उषाकिरण श्रीवास्तव की पुस्तक 'वज्जिका के सोलह संस्कार गीत तथा टुकड़ों में बटी धूप' का लोकार्पण था। इस पुस्तक का लोकार्पण भी डॉ. अमिता दुबे के कर-कमलों से हुआ। संस्कार भारती की कला कुंज के संपादक पद्मकान्त शर्मा , मुंबई हिंदी विद्यापीठ के सांस्कृतिक मंत्री  विनोद दुबे  ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस समारोह के बाद अतिथियों ने राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हिंदी भवन में स्थित निराला भवन और आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुस्तकालय का भ्रमण किया। इस पुस्तकालय में लगभग 50 हजार पुस्तकें हैं।

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