गुरुवार, अगस्त 06, 2020

विन्ध्यपर्वत माला का द्वीप...


      भारतीय धर्म ग्रंथो,भौगोलक दृष्टिकोण और भूगर्भशास्त्री के अनुसार भारत प्रायद्वीप में प्राचीन महेंद्र ,मलय,सह्य,शुक्तिमान,ऋक्ष पारियात्र और विंध्य कुल पर्वत में इन्द्रद्वीप, कसेरू,ताम्रपर्णी, गभीष्टिमान, नागद्वीप,सौम्य, गंधर्व भागों में विभक्त है।विंध्य पर्वत माला के उत्तर और दक्षिण में देश है। ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार विंध्य को महत्वपूर्ण है।विन्ध्यपर्वत माला के अंतर्गत शाक द्वीप ,प्लक्ष द्वीप ,जम्बूद्वीप,शाल्मद्वीप, क्रोंच द्वीप कुश द्वीप तथा पुष्कर द्वीप था ।
शाकद्वीप - शाकद्वीप का राजा महात्मा भव्य के पुत्र जलद, कुमार, सुकुमार ,मनिरक ,कुसुमोद, गोदाकि और महाद्रुम द्वारा सात वर्ष ( देश )का अपने अपने नाम पर उद्भव किया है। शाकद्वीप में उदयगिरि ,जलधार ,रैवतक,श्याम,अंभोगिरि, आस्तिकेय ,और केशरी पर्वत तथा अनेक छोटी छोटी पहाड़ है।मग ( ब्राह्मण ), मागध ( मागध ) ,मानस ( वैश्य )एवं मंदग ( शुद्र ) वर्ण निवास करते है।नदियों में सुकुमारी,कुमारी,नलिनी,इक्षु,धेनुका, और गभस्ति नदियों के अतिरिक्त छोटी छोटी अनेक नदियां प्रवाहित होती रहती है । शाकद्वीप में रहने वाले लोग अपने मन और इंद्रियों को संयम में रख कर भगवान सूर्य की उपासना और प्रकृति पूजन करते है।इस द्वीप में 7 वर्षों  (देशों ) में जलद वर्ष ,कुमार वर्ष,सुकुमार वर्ष,मनिरक वर्ष ,कुसुमोद वर्ष ,गोदाकि वर्ष और महाद्रुम वर्ष है।सभी वर्षों में गंधर्वों ,सिद्धों ,ऋषियों,निर्भय पूर्वक निरोग होकर निवास करते है। प्लक्ष द्वीप - मानव संस्कृति और सभ्यता का चतुर्दिक विकास के लिए द्वीपों का रूप दिया गया ।प्लक्ष द्वीप के राजा स्वामी मेघातिथि ने अपने पुत्रों में शांतमय ,शिशिर,सुखोदय ,आनंद ,शिव ,क्षेमक और धुर्व को प्लक्ष द्वीप के सात वर्ष दिए ।मेघातिथि के पुत्रों ने अपने अपने नाम पर वर्ष अर्थात देश का निर्माण किया । इस द्वीप में गोमेद ,चंद्र,नारद ,दुदुम्भी ,सोमक,वैभ्राज नामक पर्वत तथा अनुतप्ता ,शिखा ,विप्राशा, त्रिदिवा, क्रमु ,अमृता और सुकृता नदियां  प्रवाहित होती थी।आर्यक ,कुरु ,विविश्व,और भावी वर्ण चंद्रमा को देवता की उपासना करते है।इस द्वीप में प्लक्ष अर्थात पकड़ वृक्ष को पूजते थे।प्लक्ष द्वीप में शांतमयदेश ,शिशिरदेश, सुखोमय देश ,आनंद देश,शिव देश ,क्षेमक देश और ध्रुव देश था ।
शाल्मलद्वीप -  शाल्मलद्वीप का राजा वीर वायुष्मान ने अपने पुत्रों में  श्वेत ,हरित,जीमूत,रोहित,वैद्युत, मानस और सुप्रभ  को सात देश का राजा बनाया ।इनके पुत्रो ने श्वेत देश ,हरितदेश,जीमूत देश ,रोहितदेश ,वैद्युतदेश ,मनसदेश,और सुप्रभदेश का उद्भव किया । कुमुद ,उन्नत,वलाहक, द्रोण, कंक, मटिस और ककुद्मम पर्वत तथा श्रेणी,तोया ,वितृष्णा ,चंद्रा, शुक्ला, विवोचनी तथा निसृति नदियां प्रवाहित होती है ।इस द्वीप में कपिल,अरुण,पित और कृष्ण वर्ण लोग वायु देवता की उपासना करते हैं। यह का वृक्ष शाल्म पूजनीय है ।
कुश द्वीप - कुशद्वीप का स्वामी ज्योतिष्मान ने अपने पुत्र उद्भिद ,वेनुमान ,सुरथ,रंधन, धृति ,प्रभाकर और कपिल को द्वारा स्थापित उद्भिदवर्ष, वेनुमानवर्ष,सुरथवर्ष ,रणथंवर्ष ,धृतिवर्ष,प्रभाकर वर्ष ,तथा कपिलवर्ष का राजा घोषित किया था ।यहाँ डमी ,शुष्मी ,स्नेह तथा मन्देह वर्ण का देवता ब्रह्मा जी की उपासना करते है और कुश को पवित्र मानते है । कुश द्वीप के पर्वतों में विद्रुम,हेमशैल, द्युतिमान,पुष्टिमान,कुशेषय,हरि और मंदराचल है तथा धूतपापा,शिवा,पवित्रा, सम्मति,विद्युत,अंभस एवं मही  नदियां प्रवाहित है।
क्रौंच द्वीप - क्रौंच द्वीप के राजा द्युतिमान द्वारा अपने पुत्रों में कुसग को कुसदवर्ष , मंदग को मंदगवर्ष ,उष्ण को उष्णवर्ष ,पिवर को पिवरवर्ष ,अन्धकारक को अन्धकारकवर्ष ,मुनि को मुनिवर्ष ,दुदुम्भी को दुदुम्भीवर्ष का राजा बनाया गया था ।यहाँ के पर्वतों में क्रोंच,वामन,अन्धकारक,देवव्रत,धर्म,पुण्डरीकवान ,और दुंदुभी है तथा गौरी,कुमुद्वती, संध्या,रात्रि,मनोजवा, ख्याति एवं पुण्डरीका नदियां प्रवाहित है। यहां के देवता रुद्र की उपासना पुष्कल , पुष्कर , धन्य  और ख्याल वर्ण लोग करते हैं।
पुष्कर द्वीप - पुष्कर द्वीप के महाराज स्त्रावण के पुत्र महावीर ने महावितवर्ष और धातकी ने धातकी वर्ष की स्थापना की ।इस द्वीप में मनसोतर पर्वत पुष्कर द्वीप के मध्य भाग में वलयाकार है।यहां वरगद का विशाल वृक्ष है तथा ब्रह्मा जी देव है।मानसोत्तरपर्वत के बाहर महावितवर्ष और धातकी वर्ष भीतर है।


        



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