शनिवार, अगस्त 19, 2023

अंतर्मन का प्रतिबिंब है फोटोग्राफी...

         विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान की ओर से आयोजित अतीत और आज की याद में फोटोग्राफी की भूमिका विचार गोष्टी में भारतीय विरासत संगठन के अध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येंद्र कुमार पाठक ने कहा कि अतीत का याद कराने में   फोटोग्राफी का महत्वपूर्ण स्थान है ।  इतिहास के पन्नो में  कैमरा अस्पष्ट छवि प्रक्षेपण और पदार्थ प्रकाश के संपर्क में आने  से फोटोग्राफी स्पष्ट रूप से बदल जाते हैं। ले  ग्रास 1826 या 1827 की खिड़की से दृश्य  पुराना जीवित कैमरा फोटोग्राफ है।  जोहान हेनरिक शुल्ज़ ने 1717 ई. में  प्रकाश-संवेदनशील घोल  की  बोतल पर कट-आउट अक्षरों को कैद किया था । थॉमस वेजवुड ने 1800 ई. में कैमरे की छवियों को स्थायी रूप में कैप्चर करने का पहला विश्वसनीय रूप से प्रलेखित प्रयास किया था। निसेफोर नीपसे द्वारा 1826 ई. में पहली बार कैमरे से खींची गई छवि को ठीक करने में कामयाब रहे थे । डगुएरियोटाइप को कैमरे में  मिनटों के एक्सपोज़र , और स्पष्ट, बारीक विस्तृत परिणाम उत्पन्न होने का विवरण को विश्व  के सामने 1839 में पेश होने के कारण  व्यावहारिक फोटोग्राफी के जन्म वर्ष के रूप में स्वीकार किया गया है ।विलियम हेनरी द्वारा धातु-आधारित डगुएरियोटाइप प्रक्रिया को कागज-आधारित कैलोटाइप से  प्रतिस्पर्धा मिली तथा नकारात्मक और नमक प्रिंट प्रक्रियाओं का आविष्कार किया गया था । 1839 में डगुएरियोटाइप के संबंध में 1839 ई. में  टैलबोट प्रदर्शित की गई थी।  कोलोडियन प्रक्रिया ने 1850 ई. में  ग्लास-आधारित फोटोग्राफिक प्लेटों के साथ डागुएरियोटाइप से ज्ञात उच्च गुणवत्ता को कैलोटाइप से ज्ञात कई प्रिंट  उपयोग किया गया था। रोल फिल्मेंशौकीनों द्वारा  उपयोग को लोकप्रिय बनाया गया था । कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कैमरों के व्यावसायिक 1990 ई.में   फोटोग्राफी में क्रांति ला दी। 21वीं सदी के पहले दशक के दौरान, पारंपरिक फिल्म-आधारित फोटोकैमिकल तरीकों को तेजी से हाशिए पर रखा गया क्योंकि नई तकनीक के व्यावहारिक लाभों की व्यापक रूप से सराहना की गई और मामूली कीमत वाले डिजिटल कैमरों की छवि गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ। खासकर जब से कैमरे स्मार्टफोन पर मानक सुविधा बना हैं । तस्वीरें लेना और  ऑनलाइन प्रकाशित करना विश्व में  सर्वव्यापी रोजमर्रा की प्रथा बन गई है। सर जॉन हर्शेल द्वारा  1939 ई. में फोटोग्राफी शब्द का  दिया जाता है। सिद्धांत प्रागैतिहासिक काल 4 थी शताब्दी ई.पू. को  चीन में  कैमरा अबस्कुरा जाना और प्रयोग किया गया था । कैमरा ऑब्स्कुरा का उपयोग 16 विन शताब्दी में मुख्य रूप से प्रकाशिकी और खगोल विज्ञान का अध्ययन करने के लिए किया जाता था । उभयलिंगी लेंस प्रथम बार 1550 में गेरोलामो कार्डानो द्वारा वर्णित और डायाफ्रामएपर्चर को सीमित करने तथा 1568 में डैनियल बारबेरो  ने  छवि दी थी । 1558 में गिआम्बतिस्ता डेला पोर्टा ने 1558 ई. में पुस्तकों में ड्राइंग सहायता के रूप में कैमरा ऑब्स्कुरा का उपयोग करने की सलाह दी थी । डेला पोर्टा की 17वीं शताब्दी के बाद से कैमरा ऑब्स्कुरा के पोर्टेबल संस्करणों का आमतौर पर उपयोग किया जाने लगा था । पूर्व में तम्बू के रूप में, बाद में बक्से के रूप में एवं  19वीं सदी की शुरुआत में फोटोग्राफी का विकास  बॉक्स टाइप कैमरा ऑब्स्क्युरा सबसे शुरुआती फोटोग्राफिक कैमरों का आधार हुआ था।  एंजेलो साला ने 16 14 ई.में फोटोग्राफी में  सूरज की रोशनी पाउडर सिल्वर नाइट्रेट को काला कर देगी, और एक वर्ष के लिए सिल्वर नाइट्रेट के चारों ओर लपेटा गया कागज काला हो जाएगा का सिद्धांत दिया था । विल्हेम होम्बर्ग ने  1694 में प्रकाश ने  रसायनों को काला कर दिया। 1717 ई. में जर्मन पॉलिमथ जोहान हेनरिक शुल्ज़ ने  चाक और नाइट्रिक एसिड का घोल  चांदी के कण घुले हुए थे । शुल्ज़ ने 1719 में अपने निष्कर्ष प्रकाशित करते समय पदार्थ का नाम "स्कोटोफ़ोर्स" रखा एवं 1760 ई. पू . फ्रांसीसी टिपैग्ने डे ला रोश द्वाराकुछ हद तक  फोटोग्राफी के समान वर्णन किया गया है । साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर कहा कि अंतर्मन का रेखांकित करता  फोटोग्राफी है ।  प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को फोटोग्रफी दिवस मनाने की परंपरा कायम है । मानवीय सम्बेदना को रेखांकित फोटोग्राफी का महत्वपूर्ण भूमिका है । विश्व फोटोग्राफी दिवस उन लोगों के लिए किसी  खूबसूरत चीज या नजारे को  कैमरे में कैद कर लेना पसंद करते हैं । 9 जनवरी, 1839 को विश्व  की सबसे प्रथम  फोटोग्राफी प्रक्रिया का आविष्कार  डॉगोरोटाइप  जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर  वैज्ञानिकों ने अविष्कार किया था। डॉगोरोटाइप टेक्निक फोटोग्राफी की पहली प्रक्रिया होने के कारण  टेक्निक के आविष्कार का ऐलान फ्रांस सरकार ने 19 अगस्त, 1839 में करने के कारण  विश्व फोटोग्राफी दिवस प्रत्येक वर्ष   19 अगस्त को मनाया जाता है। आधिकारिक तौर पर 2010 में प्रारंभ विश्व फोटोग्राफी दिवस  हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के  फोटोग्राफर ने अपने साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर  इकट्ठा होने और विश्व में प्रचार प्रसार करने का फैसला किया था ।  फोटोग्राफरों के साथ मिलकर  तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश कीं थी ।



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