शुक्रवार, अगस्त 25, 2023

भोजपुर की सांस्कृतिक विरासत ...


पूर्वी रेलवे की प्रधान शाखा तथा आरा-सासाराम रेलवे लाइन का जंक्शन एवं भोजपुर जिला का मुख्यालय आरा  है। भोजपुर जिले का  आरा शहर के प्रमुख स्थल निर्देशांक: 25°33′05″ एन 84°39′37″ ई / 25.55139° एन  84.66028° ई गंगा और सोन की उपजाऊ घाटी में स्थित होने के कारण यह अनाज का प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र तथा वितरण केंद्र है। रेल मार्ग और पक्की सड़क द्वारा यह पटना, वाराणसी, सासाराम आदि से सीधा  है। भोजपुर जिला मुख्यालय आरा पुरातन काल में अरण्य प्रदेश का राजा  मयूरध्वज द्वारा आरण्य देवी की स्थापना कर आरा नगर की स्थापना किया गया था ।  महाभारत कालीन अवशेष यहां बिखरे पड़े हैं। द्वापर युग में  पांडवों ने अरण्य में गुप्तवास  बिताया था। जेनरल कनिंघम के अनुसार युवानच्वांग द्वारा उल्लिखित अशोक ने दानवों के बौद्ध होने के संस्मरण स्वरूप बौद्ध स्तूप  है। आरा के  मसाढ़ में  जैन अभिलेखों के अनुसार  'आरामनगर' है। हेमिल्टन बुकानन ने आरा नगर के नामकरण में भौगोलिक कारण बताते हुए कहा कि गंगा के दक्षिण ऊँचे स्थान पर स्थित होने एवं आड़ या अरार में होने के कारण नाम 'आरा' पड़ा है । प्रथम भारतीय स्वतंत्रता युद्ध 1857  के प्रमुख सेनानी बाबू कुंवर सिंह की कार्यस्थली होने का गौरव है। आरा स्थित 'द लिटिल हाउस'  रक्षा ब्रिटिश साम्राज्य  ने १८५७ के विद्रोह में बाबू कुंवर सिंह से लड़ते हुए की थी। आरा 1971  के पांचवीं लोकसभा चुनाव तक शाहाबाद संसदीय क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। १९७७ के दौरान आरा को अलग संसदीय क्षेत्र के रूप में मान्यता मिलने के बाद आरा अस्तित्व में आया है । 
आरा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में माँ आरण्य देवी मंदिर , बुढ़वा महादेव मंदिर , चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिरबड़ी मठिया मंदिर , बाबू वीर कुंवर सिंह किला, जगदीशपुर , काली मंदिर, बखोरापुर ,  गंगा घाट , गंगा-सोन संगम , क्लेक्ट्रैट पोखरा सूर्य मंदिर है । बिहार का हिंदी और भोजपुरी भाषी भोजपुर जिला का क्षेत्रफल 2,474 किमी² में 2011 जनगणना के अनुसार 27,28,407 आवादी वाले क्षेत्र में  आरा नगर , पिरो और जगदीशपुर अनुमंडल ,14 प्रखण्ड में आरा ,अगिआंव ,बरहरा ,उदवंतनगर,कोइलवर ,संदेश ,सहार ,गड़हनी ,पिरो ,चरपोखरी ,तरार ,जगदीशपुर ,बिहिया ,और शाहपुर ,  228 पंचायत एवं 1244 गाँव बिहार की राजधानी पटना से चालीस किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर जिला  का  उत्तर में गंगा नदी और पूर्व में सोन इसकी प्राकृतिक सीमा निर्धारित करते हैं। भोजपुर जिले के  उत्तर में सारण और बलिया (उत्तर प्रदेश), दक्षिण में रोहतास, पूर्व में पटना, अरवल  और पश्चिम मे बक्सर से घिरा है । परमार वंशीय राजा भोज द्वारा भोजपुर की स्थापना की गई थी । मुगल बादशाह बाबर द्वारा 1529 ई. में अफगान शासकों को हर कर आरा में शासन करने के दौरान शाहाबाद नामकरण किया गया था । सूर्यवंशीय शेरशाह ने कोषवर्द्धन स्थल को 1665 ई. में शेरगढ़ और ब्रिटिश साम्राज्य नें 1787 ई. में शेरगढ़ का नाम परिवर्तित कर शाहाबाद जिले का सृजन कर शाहबाद जिला मुख्यालय आरा रखा गया था । शाहाबाद जिला 1972 ई के बाद आरा जिला 1991 ई. तक और 1992 ई. में भोजपुर जिला का नामकरण किया गया है । आर का प्राचीन नगर आराम नगर था ।आरा शहर की माँ आरण्य देवी , बिहिया में  महथिन माई , बखोरापुर काली मंदिर ,  जैन धर्म मंदिर  मंदिर है।  भोजपुर जगदिशपुर का  बाबू कुंवर सिंह ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम १८५७ की क्रांति में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था ।  किकोषवर्द्धन स्थल 1665 ई. में समृद्ध था। क्षत्रिय उच्च विद्यालय, हर प्रसाद जैन उच्च विद्यालय, जिला विद्यालय और टाउन उच्च विद्यालय ,  हर प्रसाद दास जैन कॉलेज, महाराजा कॉलेज, सहजानंद ब्रह्मर्षि कॉलेज, जगजीवन कॉलेज, महंत महादेवानंद महिला कॉलेज  कॉलेज है ।
 भोजपुर जिले के साहित्यकार व रंगकर्मी में विश्वानाथ शाहाबादी ने 1960 मे “गंगा मैया तोहे पियरी चढइबो “ सिनेमा बनाया , जनार्दन सिन्हा ने आरा के कलाकार जय तिलक को बतौर नायक लेकर सिनेमा बनाया – पिया निरमोहिया . अशोक चंद और लाक्स्मन शाहाबादी ने मिलकर सिनेमा बनाया – गंगा किनारे मोरा गाँव – गीत प्रचलित है. आरा के जय मोहन ने सिनेमा मे खलनायक के भूमिका निभाई थी । संगीत परंपरा मे आरा के  श्री लक्ष्मण शाहाबादी, प्रो0 रामनाथ पाठक और श्री अरविन्द किशन ने सिनेमा एवं संगीत मे अपना महत्वपूर्ण योगदान,  सराफत अली ने उषा मंगेशकर एवं दिलराज कौर के  गंगा किनारे मोरा गाँव सिनेमा मे गाना गया है । साहित्य में मुंशी सदासुख लाल, सैएद इशुतुल्लाह, लालू लाल, संदल मिश्र आदि खरी बोली के भारतेंदु काल के अखौरी येशोदानंद , श्री शिवनंदन सहाय ,  श्री जैनेन्द्र किशोर जैन  साहित्यकार एवं नाट्य निर्देशक ,  महामहोपाध्याय पंडित सकल नारायण शर्मा और पंडित रामदहिन मिश्र , आचार्य शिव पूजन सहाय ,  कहानीकार , साहित्यकार, निबंधकार ,  छायावाद काल मे श्री केदार नाथ मिश्र प्रभात, श्री राम दयाल पाण्डेय, कलेक्टर सिंह केशरी, श्री नन्द किशोर तिवारी, और श्री रामनाथ पाठक प्रसिद्ध कवि रहे है। अब्दुल बरी प्रोफेसर बारी  भारतीय स्वंत्रता के आन्दोलन के प्रमुख नायक अब्दुल बारी  का जन्म 21 जनवरी 1884 को भोजपुर के कोइलवर अंचल में हुआ  था  । वे बिहार में खिलाफत कमिटी के सयुंक्त सचिव भी चुने गये I 21 फ़रवरी 1921 को डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ चौक मस्जिद आरा में सभा को संबोधित किया था । स्वंत्रता भारत लीग , जिसका गठन 3 नवम्बर 1928 को पंडित जवाहर लाल नेहरु और सुभाष चन्द्र बोष के हांथो हुआ , उस में इनको सदस्य चुना गया I मोती लाल नेहरु के द्वारा अंग्रेजी में पेपर निकाला था ।उनके सम्पादन के साथ जुड़े रहे 1930 से 34 के बीच सविनय अवज्ञा आन्दोलन में डॉ० राजेंद्र प्रसाद से मिलकर कन्धा से कन्धा मिलाकर काम किया था । पभारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पुजारी पंडित हर गोविंद मिश्र का जन्म 1892 में शाहपुर के प्रसोंडा में हुआ था i नेता बिशेश्वर सिंह, शालिग्राम सिंह (कुल्हड़िया), ज्वाला प्रसाद (बिहिया), से  बहुत प्रभाबित थे I बिहार और उड़ीसा का 1912 में पादुर भाव हुआ तो उस समय वे सच्चीदानंद सिन्हा ने जो उस समय जिला स्कूल के छात्र थे, ने उन्हें काफी आन्दोलित किया 1912 में ही आर० एन० मुधोलकर के सभापतित्व में वे राष्ट्रिये कांग्रेश के पटना अधिवेसन में पधारे I महत्मा गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह (1917)  यूरोप के निल के खेतीहरो के खिलाफ छेड़ा गया था I 1919 में जलिया वाला बाग की घटना ने सत्याग्रह आन्दोलन में कूद पड़े थे । भोजपुर में बाबु हरनन्दन सिंह ,  कोइलवर के बाग़ मझौवा में शिव नारायण सिंह के घर उनका जन्म हुआ 1937 में आरा विधान सभा का नेतृत्व किया गाँधी जी के साथ मिलकर असहयोग आन्दोलन में जगजीवन राम बाबु जी के नाम से सुविख्यात थे I भारतीय स्वन्त्रता संग्राम में  नायक , सांसद जगजीवन राम  का जन्म आरा के चंदवा ग्राम में 05 अप्रैल 1908 को हुआ था । उन्होंने आठवी की शिक्षा महाजनी स्कूल आरा से 1922 में प्राप्त की उन्होंने फीर आरा के टाउन स्कूल में दाखिला ले लिया था । पंडित जवाहर लाल नेहरु के नेतृतव में उन्होंने 1928 में कोलकाता एवं 1929 में लाहौर कांग्रेश अधिवेशन में भाग लिया सरकारी नौकरी को दर किनार क्र वे नमक सत्याग्रह आन्दोलन में कूद पड़े उन्हें आरा में बुद्धन राय वर्मा के साथ गिरफ्तार हुआ था । जगजीवन राम की कोशिश करने के बाद आरा का महदेवा मन्दिर एवं ब्रहमपुर का शिव मन्दिर निम्न सोसित वर्ग के लिए भी खोल दिया गया I मार्च 1933 में आरा नगर निगम का नगर आयुक्त चूना गया I। 1946 में पंडित जवाहर लाल नेहरु के सरकार ने सबसे नव जवान मंत्री के रूप में सपथ ली उन्हें श्रम मंत्रालय दिया गया I भारतीय सविधान के वे सदस्य रहे एवं सविधान में उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए काम किया I 1977 से 1979 तक वे मोरारजी देसाई की सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे I सुप्रीम कोर्ट के प्रथम चीफ जस्टिस वी पी सिंह , बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री रहे विन्देश्वरी दुबे  ,बिहार के गृह मंत्री रामानंद तिवारी , राजनीतिज्ञ रहे जो भारत के रेल मंत्री ए पी शर्मा  ,बिहार में सहकारी आन्दोलन के संस्थापक तपेश्वर सिंह  ,राजनीति विज्ञानं एवं साहित्य पद्मश्री भरत मिश्र ,   प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और लेखके एल एम राय , विश्व स्तर के ये प्रमुख गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह थे ।



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