शनिवार, मार्च 23, 2024

सत्य के साथ श्मशान की चिता भष्म होली

सत्य के साथ है श्मशान होली 
सत्येन्द्र कुमार पाठक 
सनातन धर्म संस्कृति के स्मृति ग्रन्थों अनुसार सत्य के साथ श्मशान में चिता भष्म से होली का महत्वपूर्ण है। काशी में प्रतिवर्ष  मसान की होली धूमधाम से खेली जती है। उत्तर प्रदेश राज्य का काशी में  मसान की होली खेलने के लिए लोग श्मशान घाटों पर जाकर  पर चिता की राख से होली खेल कर अपने पूर्वजों को याद करना और उनकी आत्मा को शांति देने के लिए  भगवान शिव की पूजा कर  श्रद्धा भाव के साथ मसान की होली मनाते हैं.प्रत्येक वर्ष साल बाबा विश्वनाथ मंदिर और असी घाट एवं मसान  पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होकर मसान होली का आनंद लेते हैं.। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन  शुक्ल पक्ष द्वादशी  को प्रत्येक  साल मसान होली मनाई जाती है.। मां पार्वती और भगवान शिव की भी विशेष पूजा की जती है । बनारस की मसान की होली को ‘चिता भस्म होली’ मृत्यु पर शोक मनाने के बजाय, मृत्यु को जीवन का एक चक्र मानकर मनाया जाता है । मसान की होली मृत्यु देवता भगवान शिव  को समर्पित है । मसान होली  मृत्यु पर विजय का प्रतीक  है । भगवान शिव ने मृत्यु के देवता यमराज को पराजित करने के बाद मसान में होली खेली थी ।. फाल्गुन शुक्ल एकादशी को  श्रद्धालु गण  चिता भस्म इकट्ठा करते और फाल्गुन शुक्ल द्वादशी में श्मशान भूमि पर चिता भष्म होली खेलते हैं.। विभिन्न ग्रन्थों के अनुसार, भगवान शिव ने मसान की होली की शुरुआत की थी.।  रंगभरी एकादशी में  भगवान शंकर माता पार्वती का दुरागन कराने के बाद माता पार्वती को  काशी लेकर आए थे ।. भगवान शिव ने गणों के साथ रंग-गुलाल के साथ होली खेली थी ।   परन्तु भगवान शिव काशी के श्मशान में बसने वाले भूत, प्रेत, पिशाच, यक्ष गन्धर्व, किन्नर जीव जंतु आदि के साथ होली नहीं खेल पाए थे ।  रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद भगवान शिव ने श्मशान में रहने वाले भूत-पिशाचों के साथ होली खेली थी ।  तभी से काशी विश्वनाथ में मसान की चिता भष्म होली खेलने की परंपरा चली आ रही है. । विश्व में काशी का मसान की चिता। भष्म होली खेली प्रसिद्ध है.।  चिता भस्म की होली पर काशी विश्वनाथ के भक्त जमकर झूमते हैं । महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर हर हर महादेव के नारे गूंजते हैं। देवाधिदेव महादेव के भक्त चिता भस्म की होली खेलते हैं । मणिकर्णिका घाट हर-हर महादेव से गूंज उठता है ।चिता भष्म . होली के अवसर  पर चिता की भस्म को अबीर और गुलाल एक दूसरे पर अर्पित कर सुख, समृद्धि, वैभव संग शिव का आशीर्वाद पाते हैं । मसान की चिताभष्म  होली का संदेश है की  शिव ही अंतिम सत्य है. शिवपुराण और दुर्गा सप्तशती में मसान की होली का उल्लेख है । मध्य प्रदेश राज्य का उज्जैन के महाकाल बाबा स्थल पर तथा बिहार का सारण जिले के सोनपुर की गंगानदी  एवं गंडक नदी संगम तट स्थित श्मशान घाट पर चिता भष्म होली खेली एवं चिताभस्म होलिकोत्सव मनाया जाता है ।

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