गुरुवार, नवंबर 25, 2021

नागरिक का कर्तव्य और अधिकार है संविधान...


        भारत गणराज्य का संविधान सभा के प्रारूप समिति के समक्ष संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। गणतंत्र भारत में 26 जनवरी 1950 से संविधान अमल में लाया गया। संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय संविधान सुपूर्द  26 नवंबर 1949 किया गया है । भारत सरकार द्वारा पहली बार 26 नवम्बर 2015 को "संविधान दिवस" मनाया गया । संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ सर हरीसिंह गौर का जन्मदिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष संविधान मनाया जाता है । आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर का हर्ष के साथ संविधान दिवस कॉन्स्टिट्यूशन डे  संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है ।  संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद को भारतीय संविधान सुपूर्द  26 नवंबर 1949 किया गया है  । संविधान देश के प्रत्येक  नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है । संविधान दिवस को मनाने का  उद्देश्य वेस्टर्न कल्चर के दौर में देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है ।  संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकरक महत्वपूर्ण योगदान है । भारत का संविधान प्रारूप समिति की प्रथम वैठक 29 अगस्त 1947 में 207 सदस्यों द्वारा की गई थी । भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ . राजेन्द्र प्रसाद एवं अस्थायी अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा के नेतृत्व में 299 सदस्यों द्वारा अंग्रेजी एवं हिंदी में  146385 शब्दों में 25 भागों , 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां युक्त भारत का संविधान को  संविधान सभा की अंतिम वैठक 24 नवंबर 1949 ई.  को कॉन्टिटूशनल हॉल दिल्ली में 284 सदयों के हस्ताक्षर कर सौपा गया था । संविधान प्रारूप में प्रथम हस्ताक्षर करने वाले प्रथम व्यक्ति वलवंत सिंह थे । भारत का संविधान 22 भाषाओं के अलावा 1992 ई. में कोंकणी ,मणिपुरी ,नेपाली भाषाओं में लिखा गया है । संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में प्रेम विहारी नारायण रायजाधा द्वारा लिखा गया था ।  संविधान बनाने में 6396729 रु . व्यय हुए थे । भारतीय संविधान प्रारूप समिति के 207  सदस्यों में 15 महिला सदस्यों की सहभागिता थी । नागरिक का कर्तव्य और अधिकार है भारतीय गणतंत्र का संविधान । व्रिटिश विधि शास्त्री सर आइवर जेनिग्स ने कहा कि भारत का संविधान वकीलों स्वर्ग है । प्रत्येक वर्ष 2015 ई. के पूर्व संविधान दिवस के अवसर पर कानून दिवस मनाया जाता था परंतु  था । भारत सरकार द्वारा 26 नवंबर  2015 से संविधान दिवस मनाने निर्णय के पश्चात प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है । 

   
                            

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