रविवार, फ़रवरी 13, 2022

राष्ट्रीय महिला दिवस : भारत कोकिला सरोजनी नायडू...


सरोजिनी नायडू एक राजनीतिक कार्यकर्ता, नारीवादी, कवयित्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली और भारतीय राज्य राज्यपाल नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला थी| उनके जन्म दिवस को भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है । निजाम कॉलेज हैदराबाद के प्रिंसिपल ब्राह्मण कुल के समाज सुधारक अघोरे नाथ चट्टोपाध्याय की पुत्री एवं गोविंद राजलू नायडू की पत्नी भारत कोकिला सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में हुआ था| सरोजिनी नायडू के सम्मान में  13 फरवरी 2014 से भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाई जाती है । सरोजिनी नायडू ने  महिलाओं की शिक्षा और समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया था|  अखिल भारतीय महिला संघ ने वर्ष 2014 से सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती के उपलक्ष्य पर उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरुआत हुई ।  13 फरवरी 2022 में सरोजिनी नायडू की 143वीं जयंती है । सरोजिनी नायडू एक राजनीतिक कार्यकर्ता, नारीवादी, कवयित्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनने वाली और भारतीय राज्य राज्यपाल नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला थी।  भारत कोकिला सरोजनी नायडू ने  12 साल की उम्र में मद्रास विश्वविद्यालय में प्रवेश किया और किंग्स कॉलेज, लंदन में 1895-98 और  गिर्टन कॉलेज, कैम्ब्रिज में अध्ययन किया । सरोजिनी 1898 में भारत लौटने के बाद  गोविंदराजुलु नायडू से विवाह की थी । 1906 में, उन्होंने पूर्ववर्ती कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारतीय सामाजिक सम्मेलन को संबोधित किया । सरोजनी 1914 में महात्मा गांधी से मिलीं और उनसे प्रेरित होकर ही वे राजनीती में सक्रिय हुई| ब्रिटिश शासन के खिलाफ गांधी के अहिंसक प्रतिरोध के आंदोलन से प्रेरित होकर, वह उनके सत्याग्रह में शामिल हुई थी । 1925 में, सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की संस्थापक सदस्य बन गईं थी । 1930 में, सरोजिनी नायडू, खुरशेड नौरोजी और कमलादेवी चट्टोपाध्याय सहित महिला कार्यकर्ताओं के साथ महात्मा गांधी के नमक मार्च में शामिल हुई थी ।  6 अप्रैल, 1930 को गांधी की गिरफ्तारी के बाद, सरोजिनी नायडू ने इस अभियान के नेता के रूप में पदभार संभाला था| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहले गोलमेज सम्मेलन में भाग नहीं लिया परंतु  सरोजिनी नायडू और कुछ अन्य कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने 1931 में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था । भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए 1942 में उन्हें 21 महीने के लिए कैद किया गया था| इससे पहले भी वह कई बार जेल जा चुकी थीं| भारत ने 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी । सरोजिनी नायडू को नव-स्वतंत्र राष्ट्र में संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) का राज्यपाल नियुक्त किया गया था । भारत की पहली महिला राज्यपाल बनी थी । सरोजनी नायडू का निधन 02 मार्च 1979 को लखनऊ में  हुआ था । सरोजिनी नायडू का लेखन अंग्रेजी में कविता की रचना  बच्चों की कविता, रोमांस, देशभक्ति और त्रासदी की शैलियों में लिरिकल पोएट्री होती थी| सरोजिनी नायडू की कविताओं की पहली पुस्तक, 1905 में लंदन में प्रकाशित "द गोल्डन थ्रेशोल्ड" था| सरोजिनी नायडू को  कवयित्री के रूप में प्रशंसा 1912 में मिली, जब उनकी कविताओं की दूसरी पुस्तक, "द बर्ड ऑफ टाइम", प्रकाशित हुई| उनकी 1927 में प्रकाशित पुस्तक, "द ब्रोकन विंग", उनके जीवनकाल में जारी हुई कविताओं का अंतिम संग्रह था|  एक कवयित्री के रूप में, सरोजिनी नायडू का  सम्मान में  "भारत कोकिला" या "नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया" कहा जाता  था । भारत कोकिला सरोजनी नायडू की कविताओं का  संग्रह 1961 में मरणोपरांत सरोजनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू द्वारा "द फेदर ऑफ द डॉन"  पुस्तक का प्रकाशन किया गया था ।प्रकाशित हुई| उनकी 1927 में प्रकाशित पुस्तक, "द ब्रोकन विंग", उनके जीवनकाल में जारी हुई कविताओं का अंतिम संग्रह था ।   कवयित्री के रूप में, सरोजिनी नायडू का  सम्मान में  "भारत कोकिला" या "नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया" कहा जाता  था । भारत कोकिला सरोजनी नायडू की 1961  में लिखित  कविताओं का  संग्रह को भारत कोकिला सरोजनी नायडू के  मरणोपरांत सरोजनी नायडू की पुत्री पद्मजा नायडू द्वारा "द फेदर ऑफ द डॉन"  पुस्तक का प्रकाशन किया गया था ।

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