ज्ञान और मोक्ष की नदी फल्गु
सत्येन्द्र कुमार पाठक
भारतीय संस्कृति और सभ्यता प्राचीनकाल से नदियों के किनारा प्रसिद्ध रही है ।भारतीय नदियों में गंगा , यमुना ,सरस्वती, गोदावरी एवं कावेरी नर्मदा आदि धार्मिक और सामाजिक एवं वैज्ञानिक स्तर पर प्रधानता रही है उसी तरह बिहार की नदियों में पुनपुन तथा फल्गु नदी ज्ञान और मोक्ष का रूप है। हिमालय जल अपवाह के गंगा नदी तंत्र विंध्य पर्वत तंत्र 3600 मिलियन वर्ष पूर्व विंध्य पर्वतमाला के अंतर्गत छोटानागपुर का पठार 1100 ऊँचाई पर आर्कियन युग और गोंडवाना युग की है। छोटानागपुर पठार में करिटेशियं युग की अनेक जलप्रपात है।पूर्ववर्ती नदियों ने पठार से अपना प्रवाह प्रारम्भ किया है।नदियों के विसर्जन द्वारा निर्मित झील का निर्माण होता है और ज्वाला मुखी के जलीय विस्फोट के कारण जलप्रपात होता है।19करोड़ वर्ष पूर्व छोटानागपुर पठार का झारखंड राज्य के चतरा जिले का हन्तरगंज प्रखंड में स्थित सिमरिया के समीप कोरम्बे पर्वत के जलप्रपात से बने हुए झील ( कुंड ) से मोहना नदी और बोंडी के समीप दामोदर पर्वत के दक्षिण से उतर दिशा में जलप्रपात से बने झील (कुंड ) से लिलांजन नदी दक्षिण से उतर दिशा की ओर समानांतर होते हुए उरुवेला स्थल ( बोधगया ) में समाहित होकर 235 कि. मि. फल्गु नदी प्रवाहित होकर मोकामा टाल में विलीन हो जाती है। फल्गु नदी को लिलांजन, मोहना, विष्णु गंगा, फलगुश्व महानदी, गुप्त गंगा, पितृनदी और भूतही नदी कहा गया है।19 करोड़ वर्ष पूर्व जलवायु परिवर्तन के कारण उच्च भूमि अर्थात पठार का वर्फ़ पिघल कर जलप्रवाह के रूप में फल्गु प्रवाहित होते हुए गया को पृष्ट भूमि का निर्माण हुआ था ।ब्रह्मा जी ने गया के फल्गु नदी के तट पर ऋत्विक यज्ञ में यज्ञ कराने वाले ब्राह्मणों को फल्गु नदी और गया स्थल को दान में अर्पित की ।फल्गु नदी दक्षिण से उत्तर दिशा में प्रवाहित होने के कारण दक्षिणायन फल्गु नदी कहा गया है।यह नदी पितरों का प्रिय नदी बन गया है। छोटानागपुर पठार झारखंड से निकलने वाली नदियां दक्षणि दिशाओ से चल कर बिहार के उत्तरी दिशाओं की भूमि को सिंचित करती है। झारखंड राज्य के उत्तरी छोटानागपुर पठार का जलीय पठार से निकलने वाली नदियों में पुनपुन नदी जिसे कीकट नदी कहा गया है और फल्गु नदी जिसे पितृ नदी कहा गया है ,मोहना नदी, लिलांजन नदी, मोरहर नदी, बटाने नदी , ,कोयल नदी, मदार नदी,आदि नदियां दक्षिण बिहार की गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल, पटना, नालंदा, भागलपुर, मुंगेर ,भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर, शिवहर आदि जिले के क्षेत्रों में सिंचित करती है।बिहार के दक्षिण क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली नदियों में पुनपुन, फल्गु, गंगा ,सोन पवित्र नदी मानी गयी है। फल्गु नदी के उद्गम स्थल पर फल्गुनी दिव्य महिला का निवास था वही पुनपुन नदी के उद्गम स्थल पर सनत, सनंदन, सनत कुमार, गौतम ऋषि का निवास था और राजा बुध थे ।कीकट प्रदेश का राजा बुध के पुत्र गय ने गया नगर की स्थापना कर कीकट प्रदेश की राजधानी बनाई और असुर संस्कृति का विकास किया।कीकट साम्राज्य का राजा गयासुर ( गय और असुर मिला कर गयासुर ) हुआ।
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