अंधकार से प्रकाश लाने वाले गुरू
सत्येन्द्र कुमार पाठक
विश्व तथा भारतीय परंपरा में गुरू का महत्व महान है । गुरू समाज तथा पीढियों को अग्रसर करने का मापदंड निर्धारित करता है । अंधकार से प्रकाश लाने वाले गुरू हैं । प्राचीन परंपरा में सामाजिक , अर्थिक, शैछिक गतिविधयों का गति प्रदान करता है और समाज सुधार का द्येतक गुरू है । विश्व के विभिन्न देशों मे भिन्न भिन्न तिथियों में टीचर्स डे या गुरू दिवस मनाते है । विश्व में, भारत में पाच सितंबर को टीचर्स डे , आषाढ पूर्णिमा को गुरू दिवस तथा वर्ल्ड टीचर्स डे प्रत्येक वर्ष पाच अक्तूबर को मनाते है । विश्व के देशों में शिक्षकों को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन किय जाता है । अर्जेन्टीना में 11 सितम्बर डोमिंगो फास्टिनो सार्मिएन्टो की मृत्यु का दिन अल्बानिया शिक्षक दिवस 7 मार्च सन 1867 में अल्बानी भाषा में पाठन करने वाला प्रथम स्कूल खुला था।ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड टीचर्स डे अक्टूबर मास का अंतिम शुक्रवार , ब्राज़ील में 15 अक्टूबर 1947 में साओ पाउलो के एक छोटे से स्कूल के पढ़ाने वालों ने पहली बार शिक्षक दिवस मनाया। इस तिथि को इसलिए चुना गया क्योंकि अक्तूबर 15, 1827 को पेड्रो १ ने एक फ़रमान के द्वारा ब्राज़ील में प्राथमिक शिक्षा को नियंत्रित किया। यह समारोह पूरे देश में लोकप्रिय हो गया और अक्तूबर 15 को आधिकारिक रूप से 1963 में शिक्षक घोषित किया गया था। चिली में डिया डेल प्रोफेसर ,16 अक्टूबर 1977 में इस तिथि को चुना गाया क्योंकि इसी दिन चिली के शिक्षकों के कॉलेज कॉलेजियो डे प्रोफेसर्स डे चिली की स्थापना हुई थी। चीन में 10 सितम्बर सामान्यतः कुछ गतिविधियाँ आयोजित होती हैं जिनमें विद्यार्थी अपने शिक्षकों का आदर करते हैं, जैसे कार्ड और फूल की प्रस्तुति।चेक गणराज्य में 28 मार्च सामान्यतः समारोह या गतिविधियाँ इस दिन नहीं होती हैं, पर शिक्षक कभी-कभी एक दूसरे को तोहफ़े देते हैं। इक्वाडोर में 13 अप्रैल अल साल्वाडोर में २२ जून एक राष्ट्र-व्यापी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है। हांग कांग में 12 सितम्बर हांग कांग के चीन का हिस्सा बनने के पश्चात 1997 से शिक्षक दिवस सितम्बर 10 को चीन के साथ-साथ मनाया जाता है।हंगरी शिक्षक दिवस जून का पहला शनिवार , भारत में शिक्षक दिवस 05 सितम्बर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंडोनेशिया में हरिगुरू २५ नवम्बर ईरान में २ मई (ईरानी पंचांग में अॉर्डिवेहेश्ट मोरतेज़ा मोतहरी के वीमा को प्राप्त होने (मई 2, 1979) की याद में मनाया जाता है।मलेशिया में हरिगुरू 16मई 1956 में इसी दिन रज़ाक़ रिपोर्ट स्वीकृत हुई जिसके आधार पर मलेशिया में शिक्षा प्रणाली का चयन हुआ। शिक्षक दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है।मेक्सिको में दिया देल माइस्ट्रो 15 मई मंगोलिया शिक्षक दिवस फ़रवरी का पहला सप्ताहांत पाकिस्तान शिक्षक दिवस ५ अक्टूबर इसके माध्यम से शिक्षकों का महत्व और उनके गुणों मान्यता दी जाती है ताकि पाकिस्तान की शिक्षा प्रणाली में लगातार प्रगति हो। पेरू में ६ जुलाई 1953 में पेरू के राष्ट्रपति मैनुएल ए ऑड्रिया ने अध्यादेश द्वारा 6 जुलाई को शिक्षक दिवस घोषित किया था क्योंकि पेरू स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जोसे डे सन मार्टिन इसी दिन 1822 नौर्मल स्कूल का प्रस्ताव पारित किया था। फ़िलीपीन्स ५ अक्टूबर , फ़िलिपीनो-चीनियों के स्कूलों में यह सितम्बर 27 को मनाया जाता है जबकि 28 कन्फूश्स के जन्मदिन की छुट्टी दी जाती है। कैथलिक स्कूलों में यह 4 अक्टूबर , रूस में 5अक्टूबर 1994 से विश्व शिक्षक दिवस के अनुरूप मनाया जाता है। सिंगापुर 01 सितम्बर आधिकारिक स्कूल की छुट्टी। सामान्यतः समारोह एक दिन पूर्व होते हैं, जब विद्यार्थियों को आधे दिन के बाद छोड़ा जाता है। दक्षिण कोरिया15 मई 1963 से सियोल में और 1964 से चुंजू शहर में पूर्व में शिक्षकों को उपहार देने की प्रथा है। आजकल रिश्वत के आरोपों के चलते कई स्कूल इस दिन बन्द रहते हैं। ताइवान 28 सितम्बर स्कूलों में यह सितम्बर 27 को मनाया जाता है जबकि 28 कन्फूश्स के जन्मदिन की छुट्टी दी जाती है। थाईलैंड 16 जनवरी 195 6 थाईलैंड सरकार द्वारा एक प्रस्ताव 21 नवम्बर, 1956 को पारित करके प्रथम शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया। तुर्की के ओग्रेट्मेनर गुणु कमाल अतातुर्क का विचार था कि नई नसल का निर्माण शिक्षकों द्वारा होता है। अतातुर्क को ही सर्वोच्च शिक्षक ,तुर्की भाषामे वासोग्रेतमें माना गया है क्यों कि उन्होंने तुर्की के लिए नई लिपि को 14 नवंबर 1923 में अपने देश के लिए चुना। संयुक्त राज्य अमेरिका राष्ट्रीय शिक्षक दिवस ६ मई को मनाया जाता है। गुरु-मान्यता सप्ताह मई के पूरे सप्ताह मनाया जाता है। मसाचुएट्स में यह जून के पहले सप्ताह मनाया है। वियतनाम में २० नवम्बर 1958 में अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के घोषणा पत्र के दिन के रूप में मनाया गया। 1982 में इसे पुनः नामांकित करके वियतनामी शिक्षक दिवस घोषित किया गया था। ओमान, सीरिया, मिश्र, लीबिया, कतर, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, टुनिशिया, जार्डन, सउदी अरब, अल्जीरिया, मोरक्को और अन्य इस्लामी देशों में २८ फरवरी को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया शिक्षकों के वैश्विक दिवस को मान्यता प्रदान करता है। प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 अक्टूबर, 1966 को पैरिस में अंतरसरकारी सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें 'टीचिंग इन फ्रीडम' संधि पर हस्ताक्षर किया गया था। प्रत्ये वर्ष साल 5 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 अक्टूबर, 1966 को पैरिस में अंतरसरकारी सम्मेलन का आयोजन हुआ था जिसमें 'टीचिंग इन फ्रीडम' संधि पर हस्ताक्षर किया गया था। दरअसल इस संधि में शिक्षकों के अधिकार एवं जिम्मेदारी, भर्ती, रोजगार, सीखने और सिखाने के माहौल से संबंधित सिफारिशें की गई थीं। इसी दिन 1997 में आयोजित एक सम्मेलन में उच्चतर शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की स्थिति को लेकर की गई यूनेस्को की अनुशंसाओं को अंगीकृत किया गया था। पढ़ाई के पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए यूनेस्को द्वारा हर साल इस दिन को मनाया जाता है। वैसे अलग-अलग देशों में अलग तारीखों को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
भारत में राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाक्टष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर 5 सितंबर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह खास दिन राष्ट्र निर्माण में टीचर्स के योगदान के लिए उनके सम्मान में सेलिब्रेट किया जाता है। हर कोई अपने-अपने तरीके अपनी जिंदगी में शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें आभार जताता है। हमारे देश में 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर मनाया जाता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, स्कॉलर और राजनेता थे। राधाकृष्णन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था। राधाकृष्णन एक बेहतरीन शिक्षाविद थे और राष्ट्रनिर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे।
गुरू पूर्णिमा आध्यात्मिक और अकादमिक गुरूजनों को समर्पित परम्परा है । कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध करने, बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार करता है। भारत, नेपाल और भूटान में हिन्दू, जैन और बोद्ध धर्म के अनुयायी उत्सव के रूप में मनाते हैं। गुरू पर्व हिन्दू, बोद्ध और जैन अपने आध्यात्मिक शिक्षकों तथा गुरू के सम्मान और उन्हें अपनी कृतज्ञता दिखाने के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के हिन्दू माह आषाढ़ की पूर्णिमा मनाया जाता है। गुरू उत्सव को महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरू श्रीमद राजचन्द्र सम्मान देने के लिए पुनर्जीवित किया। व्यास पूर्णिमा वेदव्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को गुरू नानक जी तथा व्यास जी का गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। यह दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है। वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी। इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। भक्तिकाल के संत घीसादास का भी जन्म इसी दिन हुआ था वे कबीरदास के शिष्य थे। शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को 'गुरु' कहा जाता है। "अज्ञान तिमिरांधश्च ज्ञानांजन शलाकया,चक्षुन्मीलितम तस्मै श्री गुरुवै नमः । "गुरु तथा देवता में समानता के लिए एक श्लोक में कहा गया है कि जैसी भक्ति की आवश्यकता देवता के लिए है वैसी ही गुरु के लिए भी। बल्कि सद्गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार भी संभव है। गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। गुरू पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक परिव्राजक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। अध्ययन के लिए उपयुक्त हैं। सूर्य के ताप से तप्त भूमि तथा चंद्रमा की शीतलता से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है। मनिषियों के कीर्ति का सम्मान दिवस टीचर्स डे है। पुराणों ,उपनिषदों के अनुसार अठाईस व्यासों ने वेदों , पुराणों की रचना कर समाज को अग्रसर होने का मंत्र दिया है ।
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