विश्व में पवन ऊर्जा का उपयोग और शक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 15 जून को विश्व वैश्विक पवन दिवस , ग्लोबल विंड डे यूरोपियन विंड एनर्जी एसोसिएशन और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल द्वारा मनाया जाता है । दुनिया के ऊर्जा स्रोतों में पवन है । हवा स्रोत से अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने की क्षमता और पवन ऊर्जा में कई मायनों में क्रांतिकारी और एक मुख्यधारा की तकनीक में बदलाव होती है । कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के लिए परियोजनाओं में अरबों डॉलर के वित्तपोषण के साथ पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी में निवेश करने वाले बहुत सारे औद्योगिक क्षेत्र हैं । यूरोपीय संघ पवन प्रौद्योगिकी में अग्रसर और गैस की तुलना में पवन ऊर्जा की अधिक स्थापना कर क्षेत्र की बिजली की खपत को 11.4% पी.ए.. में नीचे लाया है । 87 मिलियन घरों में पवन ऊर्जा का उपयोग करते हैं । जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन जहानाबाद के उपाध्यक्ष साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक पवन दिवस पर कहा कि वर्ष 2007 में पवन दिवस की प्रारम्भ हुई और वर्ष 2009 में वैश्विक स्तर मनाया गया । यूरोपीय पवन ऊर्जा संघ ने वर्ष 2007 में ग्लोबल विंड डे का उद्घाटन वर्ष आयोजित का उद्देश्य राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संघों और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में सक्रिय सभी कंपनियों को साथ लाना था। 2007 में पवन दिवस 18 देशों में फ़ैल गया तथा विश्व के 80 देश द्वारा पवन दिवस को मानाने और विंड एनर्जी के क्षेत्र में काम करने के लिए सक्रिय हो गए हैं । पर्यावरण के अनुकूल संसाधनों का प्रयोगिकरण कर लोगों को प्रदूषण मुक्त संसाधनों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सस्ती तकनीकों को प्राप्त करने के लिए बदलावों को बढ़ावा देने का संकल्प करना चाहिए । विश्व में तेजी से वायु प्रदुषण बढ़ रहा है । इंसान ऊर्जा के संसाधनों का प्रयोग करना चाहिए ताकि पर्यावरण के अनुकूल तथा पवन ऊर्जा, सौर्य ऊर्जा आदि शुद्ध हो सकता है । विश्व पवन दिवस के बाद से अब तक लगभग 80 देश पवन ऊर्जा संरक्षण और प्रदूषण-मुक्त दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है । ग्लोबल विंड डे का आयोजन दुनिया में सालाना 80 से अधिक देशों द्वारा मनाया जाता है। ग्लोबल विंड डे का उद्देश्य इस बात पर ध्यान केंद्रित करना है कि पवन ऊर्जा दुनिया को कैसे बदल सकती है। वैश्विक पवन दिवस का पालन पवन ऊर्जा के लाभों का जश्न मनाने के लिए है, और लोगों को पवन ऊर्जा की शक्ति और अंतहीन क्षमता के बारे में शिक्षित करना है। ग्लोबल विंड डे का पहला आयोजन यूरोप में पहली बार 2007 में हुआ था। ग्लोबल विंड डे का आयोजन ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल और विंडयूरोप संगठनों द्वारा किया जाता है। ग्लोबल विंड डे मनाने के उद्देश्य बच्चों और वयस्कों दोनों को पवन ऊर्जा हार्नेस की शक्ति के बारे में शिक्षित करना है। पवन ऊर्जा को ऊर्जा के सबसे स्वच्छ और सबसे नवीकरणीय स्रोतों में से एक माना जाता है। पवन ऊर्जा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद करती है ।मानवीय जीवन में स्वच्छ हवा उपलब्ध होते है। जेष्ट शुक्ल पंचमी मंगलवार विक्रम संबत 2078 दिनांक 15 जून 2021 को जैन धर्म का श्रुति पंचमी तथा अंतरराष्ट्रीय वैश्विक पवन दिवस के अवसर पर पवन दिवस के रूप में साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक का जन्म दिवस मनाया गया ।इस अवसर पर सत्येन्द्र कुमार पाठक के संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत की गई तथा पर्यावण को संरक्षित करने के लिए संकल्प लिया गया है ।
बिहार राज्य के अरवल जिले का करपी प्रखंड मुख्यालय करपी में सत्येन्द्र कुमार पाठक का जन्म 15 जून 1957 ई. को शाकद्वीपीय ब्राह्मण में हुआ है । इनके पिता सच्चिदानंद पाठक ज्योतिष एवं कर्मकांड के विद्वान , माता ललिता देवी तथा पत्नी सत्यभामा देवी धर्मपरायण थी । सत्येंद्र कुमार पाठक के नवीन कुमार पाठक , प्रवीण कुमार पाठक पुत्र तथा इंदु , कुमुद , मेनका , उर्वशी तथा प्रियंका पुत्री और दिव्यांशु पौत्र , तीन भाई है । इन्होंने शास्त्री प्रतिष्ठा , आई ए , विशारद , बी टी योग्यता हासील करने के बाद सरकारी विद्यालयों में 1 नवंबर 1977 ई. से 30 जून 2017 तक शिक्षक के पद पर कार्य कर सेवानिवृत हो कर पेंसन्धारी है । 1975 से विभिन्न साप्ताहिक , दैनिक समाचार पत्रों में संबाद प्रेषण का कार्य किया है । पत्रकारिता के क्षेत्र में सत्येन्द्र कुमार पाठक ने गया से प्रकाशित गया समाचार , मगध धरती , मगधाग्नि हिंदी साप्ताहिक , पटना से प्रकाशित हिंदी दैनिक आर्यावर्त , आत्मकथा , पाटलिपुत्र टाइम्स , हिंदुस्तान , आज , जयपुर राजस्थान से प्रकाशित यंगलीडर में संबाद , टिकरी गया का समस्या दूत का सह संपादक , शिप्रा का उपसंपादक , 1981में हिंदी मासिक पत्रिका मगध ज्योति तथा 1983 में हिंदी साप्ताहिक मगध ज्योति का संपादक के रूप में कार्य किया है । पटना से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र आर्यावर्त , प्रदीप , पाटलिपुत्र टाइम्स , आज , जनशक्ति , आत्मकथा , हिंदुस्तान , प्रभात खबर में सबद प्रेषण किया । 2019 ई . से बुलंद समाचार , दिब्य रश्मि पोर्टल में संलेख प्रकाशित तथा मगध ज्योति ब्लॉग पॉट में संलेख प्रकाशित कर रहे है ।सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ झारखण्ड से संबद्ध रांची से प्रकाशित मगबन्धु (अखिल) जुलाई दिसम्बर 2020 का स्वतंत्रता सेनानी विशेषांक में संलेख प्रकाशित किया गया है। समाज सेवा - सत्येन्द्र कुमार पाठक द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा का कार्य किया है । 1976 ई. में करपी अरवल प्रखंड में आई भीषण बाढ़ में करपी प्रखंड दुग्ध दलिया समिति गया का सदस्य बन कर बढ़ पीड़ितों की सहायता की वहीं करपी प्रखंड परिवार कल्याण समिति गया का सदस्य , जीवन ज्योति मंसूरी का सदस्य , शास्त्र धर्म प्रचार सभा कलकत्ता का सदस्य , जहानाबाद अनुमंडल किसान सुरक्षा समिति का अध्यक्ष , अखिल भारतीय सामाजिक स्वास्थ्य संघ का सदस्य , मगही मंच करपी प्रखंड के अध्यक्ष , भारतीय समाज सुधारक संघ जहानाबाद का अध्यक्ष ,पंडित नेहरू क्लब करपी का अध्यक्ष , करपी प्रखंड विद्युत उपभोक्ता समिति का अध्यक्ष , मगध बुद्धि मंच , बिहार राज्य मगही विकास मंच के महासचिव 1978 ई. में इमममगंज प्रखंड शिक्षा समिति गया का सदस्य , 1980 में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का सदस्य , 2007 बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना के स्थायी समिति के सदस्य 1992 ई . में सच्चिदानंद शिक्षा एवं समाज कल्याण संस्थान का सचिव , जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन जहानाबाद के उपाध्यक्ष , जहानाबाद जिला विरासत विकास समिति का अध्यक्ष , बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ जिला जहानाबाद का उप संजोजक , बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ( गोप गुट ) जहानाबाद का संयुक्त सचिव , 2008 ई. में बिहार राज्य क्रांतिकारी शिक्षक संघ का राज्य प्रवक्ता , 1996 ई. में ज्ञान गुहार अरवल का मुख्य साधन सेवी , 2003 ई. में भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय विकलांगता कन्वेंशन दिल्ली में विकलांगो के विकाश में शामिल हुए । 1989 ई. में इंडियन प्रेस काउंसिल भोपाल का सदस्य हुए हैं । सम्मान - सत्येन्द्र कुमार पाठक को 14 सितंबर 1998 ई . हिंदी दिवस पर जैमिनि अकादमी पानीपत हरियाणा द्वारा हिंदी पत्रकारिता के उत्कृष्ट कार्य के लिए आचार्य उपाधि से अलंकृत किये गए , 23 अक्तूवर 2013 को मगही अकादमी पटना द्वारा मगही साहित्य में विशेष योगदान के लिये महाकवि योगेश मगही अकादमी शिखर सम्मान 2013 से सम्मानित , स्नातकोत्तर हिंदी विभाग मगध विश्वविद्यालय बोधगया द्वारा आयोजित 16 - 17 अप्रैल 2012 दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्टी में हिंदी साहित्य को मगध प्रक्षेत्र का योगदान विषय डॉ सुनील कुमार की संपादन कला पर सम्मान , 2 मार्च 2019 को बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना द्वारा आयोजित 40 वें तथा 2 - 3 अप्रैल 2016 को 37 वें महाधिवेशन के परिसंबाद पर सम्मानित हुए है। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना की ओर से हिंदी भाषा एवं साहित्य की उन्नति में मूल्यवान सेवाओं के लिए सम्मेलन के 101 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में पंडित जनार्दन प्रसाद झा द्विज सम्मान से विभूषित कर उपाधि पत्र 19 अक्तूवर 2020 को प्रदान किया गया है । समाजवादी लोक परिषद की ओर से गया में विश्व हिंदी दिवस के पूर्व संध्या पर 09 जनवरी 2021 को सतीस कुमार मिश्र सम्मान समारोह 2021के अवसर पर साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में समर्पित सेवा के लिये सम्मानित किये गए है । प्रकाशित रचनाएँ - मगधाँचाल , राज्य सरकार राजभाषा विभाग द्वारा अनुदानित से प्रकाशित वाणावर्त , बराबर है वही अप्रकाशित रचनाए उषा , यात्रा है।आत्मा से पंजिकृत जिला किसान संगठन जहानाबाद का सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं । 1999 से जहानाबाद में रह कर सामाजिक , साहित्यिक साधना में लगे हुए हैं ।
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